मीरा और घायल चिड़िया
मीरा और घायल चिड़िया मीरा एक दयालु लड़की थी। वह अक्सर पेड़ों पर चिड़ियों को दाना डालती थी और उनकी चहचहाहट सुनकर खुश होती थी। एक दिन, स्कूल जाते वक्त मीरा को पेड़ के नीचे एक छोटी चिड़िया गिरी हुई मिली। चिड़िया का पंख टूटा हुआ था और वह दर्द
लाल महल में पराक्रम | Bravery in Red Palace
लाल महल में पराक्रम शाइस्ता खान का आक्रमण: बीजापुर के आदिलशाह ने बहुत कोशिश की परंतु शिवाजी महाराज के आगे उसकी एक न चली। उसके प्रत्येक सरदार को शिवाजी महाराज ने बुरी तरह से पराजित किया। अंत में आदिलशाह ठंडा पड़ गया। उसने शिवाजी महाराज के साथ संधि कर ली
पावनखिंड
पावनखिंड (पावन दर्रा) पन्हाला जीता और आदिलशाह का क्रोध : अफजल खान की हत्या से बीजापुर में खलबली मच गई । उसके बाद तुरंत ही शिवाजी महाराज ने पन्हालगढ़ जो बीजापुर के अधिकार में था, जीत लिया । इससे आदिलशाह बड़ा क्रोधित हुआ । उसे खाना-पीना अच्छा नहीं लग रहा
चिंपू और तितली
चिंपू और तितली एक बार, एक छोटे से गाँव में चिंपू नाम का एक चंचल लड़का रहता था। चिंपू को सुबह जल्दी उठकर तालाब के पास खेलना बहुत पसंद था। वहाँ रंग-बिरंगी तितलियाँ मंडराती रहती थीं। एक सुबह, चिंपू तालाब के पास खेल रहा था कि उसने एक खूबसूरत नीली
छत्रपती शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ पर पराक्रम
छत्रपती शिवाजी महाराज का प्रतापगढ़ पर पराक्रम आदिलशाही दहल उठी : बीजापुर के दरबार की बात है। शिवाजी महाराज की गतिविधियों को देखकर आदिलशाह के दरबार में चिंता फैल गई। सभी सरदार दरबार में इकट्ठे हुए । एक से बढ़कर एक पराक्रमी तलवारबाज सरदार दरबार में उपस्थित थे। आदिलशाही का
स्वराज्य स्थापना की प्रतिज्ञा
स्वराज्य स्थापना की प्रतिज्ञा रायरेश्वर का मंदिर : पुणे की दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित रायरेश्वर का मंदिर बड़ा सुंदर स्थान था । ई.स. १६४५ में वहाँ एक विलक्षण घटना घटी । शिवाजी महाराज और आस-पास की घाटी के कुछ मावले विचार-विमर्श करने के लिए वहाँ इकट्ठे हुए थे। उस घने
महाराणा प्रताप का जन्म
महाराणा प्रताप बहुत समय पहले, राजस्थान की वीर भूमि में एक बहादुर राजा का जन्म हुआ, जिनका नाम महाराणा प्रताप था। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ किले में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम रानी जयवंताबाई था। जब महाराणा प्रताप
शिवाजी महाराज की शिक्षा का आरंभ
शिवाजी महाराज की शिक्षा का आरंभ शिवाजी महाराज की शिक्षा का आरंभ : शहाजीराजे स्वयं संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। उन्होंने अनेक भाषाओं के पंडितों और कलाकारों को अपने दरबार में आश्रय दिया था। शिवाजी महाराज के लिए उन्होंने विद्वान शिक्षकों की नियुक्ति की थी। सात वर्ष की आयु होने
शिवाजी महाराज का जन्म
शिवाजी महाराज का जन्म उन दिनों चारों ओर अराजकता थी। उत्तर भारत से मुगल शासक शाहजहाँ ने दक्षिण को जीतने के लिए विशाल सेना भेजी थी। पुणे शहाजीराजे की जागीर थी। बीजापुर के आदिलशाह ने उसे ध्वस्त कर दिया था । शहाजीराजे अनेक कठिनाइयों से घिर गए थे-यहाँ कुआँ, वहाँ